भोपाल
देश के दस राज्यों में अपने चालीस संस्करणों के जरिये दैनिक भास्कर का पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ा व्यापक और महत्वपूर्ण योगदान है। आज एक तरह से देखें तो भोपाल की तरह कई शहर है जहाँ लोगों को रत को नींद माय एफ एमके संगीत के शत आती है और सवेरे उनकी नींद भी इसी से टूटती है। दिन की शुरुआत दैनिक भास्कर या दिव्या भास्कर जैसे किसी समाचार पत्र से होती है। उनके साथ हर कदम पर भास्कर का दीदार होता है।
जब बात मध्य प्रदेश की हो तो ये इस समूह का अपना मूल प्रदेश है उसी प्रकार भोपाल इसका गृह स्थल।
भोपाल शहर के बदलते मीडिया हालातों में इस संस्थान ने भी अपने पत्र में कही बदलाव किए है जिनमे फ़िर छे वह शाहरूख खान को अथिथि संपादक बनाना हो, सारे पेजों को कलर बना कर मध्य भारत का पहला सम्पूर्ण रंगीन अखबार होने का दावा करना हो अथवा सन्डे भास्कर का पुरा ले आउट बदलना हो या कंटेंट को सॉफ्ट स्टोरी के रूप में पेश करने का नया अंदाज हो, ये सबकुछ भोपाल के मीडिया जगत की सरगर्मियों के मद्देनजर ही किया जा रहा है।
नए बदलावों और प्रयोगों के लिया जानाजाने वाला यह समाचार पत्र इस रविवार को भी नए स्टाइल के अन्दर दिखाई दिया। आज पहले पन्ने पर हार्ड स्टोरी के नाम पर महज गुर्जर आन्दोलन में मरे बीस लोगों की सिंगल कालमन्यूज़ है। पहली ख़बर के स्थान पर मिसाइल वुमन के नाम से जानीजाने वाली टाईसी थामस का त्रिभुवन का ख़ास मुलाकात नामसे इंटरव्यू है। पहले पेज पर ही अतिथि संपादक राजदीप सरदेसाई का विशेष सम्पादकीय है हेडिंग है पुनर्जीवित करना होगा लोगों का विश्वास। साथ ही इस पेज पर एक खुशखबरी है भोपाल के लोगों के लिए भास्कर के नए समाचार पत्र के बारे में।
इसी पेज पर एक और अतिथि संपादक की पसंद का आर्टिकल है योजना आयोग के फ़ूड विशेषज्ञ अभिजीत सेन का बी इन्वेंसन के साथ संजय मिश्र की .......तो सत्तर लाख लोगों को मिल जाती रोटी एक संदेश प्रधान स्टोरी है। स्टीमर की मांग के अनुरूप मानवता का संदेश देती हुयी न्यूज़ है जयपुर से। मदन के जयपुर से बताते है हिंदू म के आँचल में दर्द भुला रही है अरीना। ये इसी प्रस्तुति है जो आतंकियों के इरादों के घिनोनेपन और मानवता के महत्व को स्थापित करती है।
अगर हम ले आउट के आधार पर देखे तो भास्कर ने इस मामले में भी काफी नवाचार प्रयोग किया है। पेज को ऊपर तक भरने के साथ हर पेज पर समाचारों को कोर्नर से काटा है सामान्यता सभी पेजेस का आरंभ स्क्रीन के साथ हो रहा है और सबसे ज्यादा बदलाव स्पोर्ट्स पेज पर किया गया है चोतिस पेज के इस अख़बार में स्पोर्ट्स का बारह तेरह पेज एक बड़ा फोटो बीच में छपता है आज टेनिस कोर्ट का फोटो छापा है।
इस तरह के तमाम बदलाव इस शहर की पत्रकारिता के बदलावों को इन्गीत करता है। भास्कर समाचार पत्र प्रयोगिकता की वजह से काफी जाना जाता है चाहे अभी काफी हलचल हो रही ही किसी के लिए भास्कर के समक्ष चुनौती दे पाना मुश्किल है फ़िर भी किसी ने ऐसा कर दिया तो यह भी एक नई मीडिया सक्सेस स्टोरी होगी जो अपने आप में अनोखी होगी।
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