भोपाल
किसी भी बुरे वक्त को बहला कौन याद रखना चाहेगा अगर वो भी जयपुर के जैसा हादसा हो तोउसे भुला देना ही उचित होता है ना ?
कुछ एइसा ही किया है आज इस शहर के अखबारों ने जो जैसे तैसे इस हादसे को बिसराना चाहते है ।
Sunday, May 18, 2008
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