tag:blogger.com,1999:blog-73545931795541274262024-03-04T21:21:15.836-08:00Reporting from BhopalBhopal? ....mai hoon naa!shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-50413354677004464872009-05-01T04:03:00.001-07:002009-05-01T04:05:38.841-07:00प्रदेश में गर्म राज नीतिभोपाल के नए मीडिया समाचारों में पिपुल्स समाचार का लोंच होना<br />राज एक्सप्रेस के द्वारा लाइफ स्टाइल पर सोलह पेज आर सिक्सटिन देना और आठ पेज करियर आठ के नाम से देना. और उसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर से लोंच करना शामिल है इस राह मे अगला पड़ाव जबलपुर है इसके बाद संस्थान राजस्थान और रायपुर जायेगा।<br />प्रदेश और शहर के कई अन्य छोटे मोटे अख़बारों ने भी अपने बड़े होर्डिंग टांग रखे हैshivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-32075046144012455852008-08-19T03:20:00.000-07:002008-08-19T03:24:04.004-07:00मीडिया की हलचलें<ul><li>दैनिक भास्कर का बिजनेस भास्कर दिल्ली समेत भोपाल में लांच । </li><li>भोपाल के बाद इंदौर से लांच किया डीबी स्टार । </li><li>पत्रिका समूह ने लांच ग्रुप वेब <a href="http://www.patrika.com/">न्यूज़ पोर्टल</a>। </li><li>राज़ एक्सप्रेस का बिजनेस पर राज़ बिजनेस के नाम से नया पेज आरम्भ। </li><li>दैनिक <a href="http://www.bhaskar.com/news/metros/bhopal/">भास्कर भोपाल</a> हुआ अधेड़ । </li></ul>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-51130245916839903292008-06-18T02:52:00.000-07:002008-06-18T02:55:59.349-07:00हम तो झोला उठा के चले<span style="font-size:130%;"><span style="color:#cc33cc;">भोपाल </span></span><br /><span style="font-size:130%;"><span style="color:#cc33cc;">दोस्तों और इस ब्लॉग के पाठकों,</span></span><br /><span class=""></span><span style="font-size:130%;color:#cc33cc;"> अपने सेकेण्ड सेमेस्टर के एग्जाम के बाद अब हम जरा दिल्ली हो आते है।</span><br /><span style="font-size:130%;"><span style="color:#cc33cc;">आप जरा भी ये मत समझना की गुमने फिरने के लिए </span></span><br /><span style="font-size:130%;"><span style="color:#cc33cc;">अरे भाई अपनी इलेक्ट्रोनिक इंटर्नशिप के लिए </span></span><br /><span style="font-size:130%;"><span style="color:#cc33cc;">धन्यवाद फ़िर मिलते है </span></span><br /><span style="color:#cc33cc;"><span style="font-size:130%;">दुसरे ब्लॉग वाले भी इसे स्वीकार कर ले</span> ।</span>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-53192995073076310012008-06-18T02:46:00.000-07:002008-06-18T02:52:24.262-07:00राज चलल राजस्थान की औरभोपाल का जाना-माना समाचार पत्र <strong>राज़ एक्सप्रेस</strong> यहाँ राजस्थान पत्रिका के लोंच होने बाद राजस्थान के जयपुर से अपना संस्करण निकलने की तैयारी <span class="">में </span>है । जल्द ही जयपुर का मीडिया भोपाल के तरह अखाडा बनने को है । जैसा पत्रिका के यहाँ आने और भास्कर के राजस्थान में जाने पर हुआ था । फिलहाल राज़ अपने भोपाल इंदौर के बाद ग्वालियर और जबलपुर संस्करणों में लगा है उसके बाद रुख राजस्थान की और करेगा ।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-60731451849811586012008-06-16T00:42:00.000-07:002008-06-16T00:58:08.085-07:00भास्कर दे नाळ अब 'माही' दा सहारा<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjDrFojJgHoj0Hmc7wjwq2Ums2nwBy0WtxDca3_uOCVOuZ86yhpdRLz5EZfazz2qCPcm8Jzs3Q373a5yp0lcUEWWMptN9nKpFjiv9L1xpDJrmUA14uR4uzxvbPDqtKKyUbhMKgmmYx0VfY/s1600-h/dhoni-wallpapers-05.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5212385464451939186" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjDrFojJgHoj0Hmc7wjwq2Ums2nwBy0WtxDca3_uOCVOuZ86yhpdRLz5EZfazz2qCPcm8Jzs3Q373a5yp0lcUEWWMptN9nKpFjiv9L1xpDJrmUA14uR4uzxvbPDqtKKyUbhMKgmmYx0VfY/s320/dhoni-wallpapers-05.jpg" border="0" /></a><br /><div>शाहरूख खान के जैसे बॉलीवुड सुपर स्टारके बाद अब दैनिक भास्कर ने अपना गेस्ट एडिटर क्रिकेट स्टार 'माही' यानि कि महेंद्र सिंहधोनी का सहारा लिया है । अब देखने वाली बात ये होगी की क्रिकेट की पिच पर अपने जादू के लिए जाने जाने वाले माही मीडिया में खासकर भास्कर के पाठकों को क्या और कितना रोमाचित कर पाते ।</div>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-89308234767708009172008-06-16T00:39:00.000-07:002008-06-16T00:41:47.314-07:00- राज़ की सोच चाँदी से बढ़कर अब संस्करण विस्तार परहमेशा पाठकों के फायदे के लिए सोने चांदीके उपहार के लिए जनजाने वाला राज़ अब अपने संस्करणों के विस्तार पर आ गया है जिसमे जबलपुर और ग्वालियर से नए प्रकाशन के समाचार होर्डिंग दे रहे है ।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-70146505831101017892008-06-16T00:36:00.000-07:002008-06-16T00:39:34.285-07:00- झील का 'पेंदे' से ऑटो तक नवदुनिया पेपर का नामअपने नए रूप को लेने काफी लंबे समय के बाद भी नवदुनिया का प्रचार जारी है होर्डिंग बदल रहे है ।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-24105886607988666942008-06-16T00:34:00.000-07:002008-06-16T00:36:54.756-07:00- हटने लगे पत्रिका के होर्डिंगअब ये काम होने लगे है बोर्ड ऑफिस,हबीबगंज रेलवे स्टेसन और कुछ इसे ही स्थान इसके उदारहण है । जहाँ अब पत्रिका के होर्डिंग नहीं दिखते है ।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-51947107635093960862008-06-16T00:30:00.000-07:002008-06-16T00:33:59.642-07:00मध्य प्रदेश में पत्रिका के 'भूकम्प' का पहला झटकाअपने जन सहयोग के लक्ष्य पर दो कदम आगे बढ़ते हुए पत्रिका ने गैस कांड पर सरकार के रूख को निशाना बनाया है । जिसके बाद जनता में काफी खलबली सी मची हुयी है ।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-57136618912538258862008-06-07T07:22:00.000-07:002008-06-07T07:25:35.432-07:00आलोक मेहता नवदुनिया के साथ<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinWx4Yen5M5zc5o_Q2Ck9zkTtAENXbeDXAJdVrYEH7w2lp6M_XcyNCrK-IU3RMcuTC__6bETJdZ6ldSg2c29Sw9WLKSUS04MG13zDQ6ce2EKrg8opFrZ1MJ5J5uzZUymf9Ygq1NfMqetc/s1600-h/alok_sml.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5209145552139855826" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinWx4Yen5M5zc5o_Q2Ck9zkTtAENXbeDXAJdVrYEH7w2lp6M_XcyNCrK-IU3RMcuTC__6bETJdZ6ldSg2c29Sw9WLKSUS04MG13zDQ6ce2EKrg8opFrZ1MJ5J5uzZUymf9Ygq1NfMqetc/s320/alok_sml.jpg" border="0" /></a><br /><div>मध्य प्रदेश की पत्रकारिता के क्षेत्र की हलचलों का असर अब दिल्ली तक में होने लगा है। हिन्दी के जाने माने,अनुभवी पत्रकार आलोक मेहता दिल्ली में नईदुनिया के प्रधान संपादक नियुक्त किए गए है। भोपाल से प्रकाशित समूह के नवदुनिया के मुताबिक नईदुनिया से ही अपने केरियर का आरंभ करने वाले आलोक मेहता इससे पहले आउटलुक के संपादक रहे ।</div>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-59301049467216156032008-06-06T12:30:00.000-07:002008-06-06T12:34:10.409-07:00ना दिन को सकून, ना रात को चैन है .............हम पर ये कैसा जूनून है<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgqAG3zrtbFTNYGCedXVTctBqJCBg0i3WCbPoFTaWAsf1j4HqLBru8d51dsIpXKziOfUrQFldbUV4gM5RMKAwKbF6mfbBHAorCwW9815nh30LoetKnQJYPGn3acD5EoAFJMqSgD3km2NcA/s1600-h/dna-2.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5208853594424731426" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgqAG3zrtbFTNYGCedXVTctBqJCBg0i3WCbPoFTaWAsf1j4HqLBru8d51dsIpXKziOfUrQFldbUV4gM5RMKAwKbF6mfbBHAorCwW9815nh30LoetKnQJYPGn3acD5EoAFJMqSgD3km2NcA/s320/dna-2.jpg" border="0" /></a><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0SjmQacqk8sJRA5nNTgRC6h3B56H5UKVzXkXJBu-E23amsqt4eGXvTnkZbDT7n991qlCUs11SzGugElBbbqak3Agx1xtR9Bb28wAOmYjDScNVyr8Q8XIozfk-pBPv4NeDUBOkYKZ8xDQ/s1600-h/Minal+Panchal+-+DNA.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5208853599287480706" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0SjmQacqk8sJRA5nNTgRC6h3B56H5UKVzXkXJBu-E23amsqt4eGXvTnkZbDT7n991qlCUs11SzGugElBbbqak3Agx1xtR9Bb28wAOmYjDScNVyr8Q8XIozfk-pBPv4NeDUBOkYKZ8xDQ/s320/Minal+Panchal+-+DNA.jpg" border="0" /></a><br /><div></div><br /><p>राजस्थान पत्रिका ने मध्य प्रदेश में अपना संस्करण शुरू ही किया था <span class="">कि </span>भास्कर समूह ने भी कई आधारभूत बदलाव करना शुरू कर दिए। </p><br /><p>अब इसी क्रम में भास्कर समूह अपने समाचार पत्र डीएनए का पांचवां संस्करण जयपुर में अंग्रेजी दैनिक डीएनए का पांचवां संस्करण राजस्थान की राजधानी जयपुर में शनिवार 7 जून से प्रकाशित कर रहा है।</p><br /><p>भास्कर समूह का यह पत्र डीएनए वर्तमान में मुंबई, अहमदाबाद, सूरत व पुणो से प्रकाशित हो रहा है। जयपुर से पांचवें संस्करण के बाद अगले कुछ ही महीनों में बेंगलूर से भी डीएनए का प्रकाशन शुरू होने की योजना सुर्खियों में है। दक्षिण भारत में डीएनए का यह पहला संस्करण होगा। अंग्रेजी के समस्त समाचार पत्रों में डीएनए अभी आठवां सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार है। जयपुर, बेंगलूर व अन्य स्थानों से प्रकाशन के बाद डीएनए देश के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले चुनिंदा अंग्रेजी अखबारों में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है । डीएनए का जयपुर संस्करण पचपन हजार प्रतियों से प्रारंभ होने की सूचना है इसके साथ पूरे देश में इसकी कुल प्रसार संख्या सात हो सकती <span class="">है। </span>हाल ही में भास्कर के एक बिजनेस समाचार पत्र के लेन की भी आशा कि जा रही है । </p>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-17321130882653212922008-06-05T09:21:00.000-07:002008-06-05T09:30:25.186-07:00महंगाई की मार, अखबारों का त्यौहारमहंगाई वैसे तो किसी के लिए जश्न का विषय नहीं हो सकती है मगर फ़िर भी अखबरों ने इसको काफी ध्यानपूर्वक छापा है कारन भी है की ये सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित करने वाली है इसी वजह से आज के सारे अखबरों के पहले पन्ने पर महंगाई का ही धावा है द पायोनीर की फर्स्ट लीड है इन्फ्लेसन सेट तो सौर जिसमे पेट्रोल की बढ़ी कीमतों को केन्द्र बनाया है हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी लीड लगाई है इट्स ए बिटर आयल पिल जिसमे प्रधानमंत्री के वर्सन के साथ-साथ पुरा पेकेज लगाया है. वहीं द हिंदू ने भी फ्यूल की कीमतों को केन्द्र बनाया है पेट्रोल प्राईस उप बाय रुपिस थ्री एलपीजी रुपिस फिफ्टी. इसी मुद्दे पर टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा है स्टेप फ्यूल हईक अड्ड्स टू फायर. लगभग यही दशा हिन्दी के समाचार पत्रों की भी है जनसत्ता ने कीमतों के बढाव और वाम दलों की आन्दोलन धमकी को प्रमुखता से स्थान दिया है फर्स्ट लीड लगाई है पेट्रोल पांच रूपये और डीजल तीन और रसोई गैस पचास रूपये महंगी. भोपाल से निकालने वाला नवभारत अपनी पहली स्टोरी के रूप में लगाई है तौबा यह महंगाई वहीं हलकी फुल्के अंदाज़ मी पेज को रखने के लिए ऐश का वह बयां लगाया है जिसमे उसने अपने माँ बनने की ख़बर को बकवास बताया है दैनिक जागरण ने भी मेह्नागाई को ही मुद्दा बनाया है उन्होंने फिल्मी अंदाज़ में यूपीए सरकार को महंगाई की फ़िल्म का मेकर बना कर पेश किया है लिखा है यूपीए की प्रस्तुति महंगाई राज़, आज से पूरे देश में. निर्माता - मनमोहन सिंह और निदेशक मुरली देवड़ा को बनाया है साथ ही प्रधान मंत्री के हवाले से ये भी कहलवाया है कि और कोई रास्ता नहीं बचा था लीड है हाय ........मार डाला . राज एक्सप्रेस की लीड है पेट्रोलियम धमाका, देश भर में गूंज. साथ ही त्वरित टिप्पणी में हृदयेश दीक्षित लिखते है कीमत और केबिनेट की कालिदास कथा. नवदुनिया ने अपने पहले पेज के आठों कलम इसी को समर्पित करते हुए लिखा है तेल का तमाचा. यहाँ पर भी आर एस तिवारी की त्वरित टिप्पणी प्रकाशीत की गई है दैनिक भास्कर समाचार पत्र ने भी इसी समाचार को फोकस किया है तेल महंगा,भडकेगा बाज़ार. इस पत्र ने एक बेहतरीन ग्राफिक्स के साथ इस समाचार को पुरा सम्मान दिया है भास्कर ने भी तत्काल में काफी लिख है स्थ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की वह अपील छापी है जिसमे राज्य सरकारों से टेक्स कम करने की बात कही गई है<br /><p>वहीं हाल ही में आरंभ हुए पत्र पत्रिका ने भी इसी मुद्दे को अपना पहला समाचार बनाया है इस संचार को पांच कालम में रखा है इन्होने यूपीए सरकार को भविष्य में आ सकने वाली दिक्कतों की और इशारा करता हुए लीड लगाई है महंगा पड़ेगा सौदा. साथ ही वीरेंद्र राजपूत की इस ख़बर को भी जगह दी है जिसमे बताया गया है कि सबसे महंगी गैस अपने राज्य में. इस संचार को पत्रिका ने शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार के समाचार को प्राथमिकता दी है. </p>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-79734087291220565242008-06-04T07:40:00.000-07:002008-06-05T03:50:20.959-07:00हिन्दुस्तान की हलचल के मायने क्या है ?<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfk95h5D9wsNj9RhV7H5D3XzmWY7eDHK9AWEvFKaPDwxIYUjmzc2XpA7ZhGrLq_5bq2zDcoPybpJukbp2rdsKxivdLXnjeMb7NBc-DnExQEPdIxrVOBzniQ6bfyrQKdMvl8bfy17eamI8/s1600-h/shiv+hindustan.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5208347481460482098" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfk95h5D9wsNj9RhV7H5D3XzmWY7eDHK9AWEvFKaPDwxIYUjmzc2XpA7ZhGrLq_5bq2zDcoPybpJukbp2rdsKxivdLXnjeMb7NBc-DnExQEPdIxrVOBzniQ6bfyrQKdMvl8bfy17eamI8/s200/shiv+hindustan.jpg" border="0" /></a><br /><div>नई दिल्ली से निकलने वाले हिन्दी के समाचार पत्र के पन्नों पर होने वाली हलचलों से किसी<br />नई उठापटक का संकेत मिल रहा है।<br />जून के माह के आरंभ के साथ ही हिंदुस्तान का रंग बदलने में किसी नए बदलाव की आहट है दो जून को हिन्दी हिंदुस्तान के पहले पन्ने पर पुरा एक होम एड है शायद ये पहले से मिला हुआ था आई पी एल के समाप्त होने की खुशी में ।<br /><strong><em><span style="color:#ffccff;">फूल पेज के एड में नया हिन्दुस्तान झूम रहा है<br />हिंदुस्तान की नई धुन पर ..... .</span></em></strong><br /><strong><span style="color:#66ffff;">लिखा गया है अब आप भी झुमिये हिंदुस्तान की नई धुन पर<br /></span></strong>नया हिन्दुस्तान<br /><strong><span style="color:#66ff99;">अब हिन्दुस्तान की बारी है. क्या तैयारी पुरी है</span></strong><br />इसी प्रकार हिन्दुस्तान का दूसरा पेज भी इसी तरह के सपने को समर्पित है यहाँ पर न्यूज़ के नाम पर खुछ भी नहीं है छोटे शहरों की दो बड़ी प्रतिभाएं सफलता के शिखर पर<br /><strong>छोटे छोटे शहरों से ये कैसा तूफ़ान उठा हर दिल में एक लौ जली. . . . . . . . .<br /></strong>यहाँ सीमा झा, रोहीत सागर और कवीता प्रसाद नामक पात्रों से दो हजार अठारह से लेकर ट्वेन्टी ट्वेन्टी तक के भारत के विकसीत बनने के सपने को केन्द्र बनाया गया है।<br />इसी पृष्ट पर हिन्दुस्तान के संपादक मृणाल पाण्डेय के सफर को पेश किया गया है महत्वाकांक्षी और हंसमुख भारत को हिन्दुस्तान का सलाम इसी पाकर यहाँ पर ही छोटे छोटे शहर ही साकार करेंगे भारत के सपने लेख के जरिये ओगिल्वी इंडिया एंड साऊथ एशिया के चेयरमेन पीयूष पाण्डेय का मत पेश किया है।<br />इन सभी नवाचारों से युक्त समाचारों की प्रासंगिकता क्या है ? क्या ये इस पत्र की किसी नई महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है? जैसे कयास मीडिया मार्केट में लगाये जा रहे है उनमे तो हिन्दुस्तान के हिन्दुस्तान में अपने दायरा बढ़ने के इशारे हो रहे है।</div>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-72757447707476449692008-06-03T08:33:00.000-07:002008-06-04T07:47:20.997-07:00अंग्रेजी के अख़बार मना नहीं पाए 'रायल्स' की जीत का जश्न<strong><span style="color:#cc33cc;">आई पी एल की जीत का जश्न, राजस्थान से भोपाल तक । </span></strong><br />आई पी एल सीरीज़ मी बादशाहत कायम करने वाले पड़ोसी राज्य राजस्थान का जीत का जश्न भोपाल के अखबरों में भी देखा जा सकता है जून माह के दुसरे दिन के सारे अखबारों के पहले पेज पर राजस्थान की जीत का जयगान था राष्ट्रीय सहारा लिखता है रायल्स की शाही जीत,सुपर किंग्स परास्त इस समाचार को सहारा ने फ्रंट पेज पर एक फोटो स्क्रीन के जरिये प्रस्तुत किया गया पहला फोटो गौतम सेन के बायनेम लगाया है साथ ही समाचार की कमी को पुरा करने के लिए आई पी एल के धुरंधर में शेन वाटसन,यूनुस पठान,सोहेल तनवीर ,शान मार्श का जिक्र किया गया है बाकि विवेचन अन्दर स्पोर्ट्स पेज पर है द हिंदू समाचार पत्र ने मैच के रिजल्ट आने के बाद के फोटो का इंतजार नहीं किया इसने रैना,पार्थीव शिने फॉर सुपर किंग्स साथ ही उन्होंने ऑफ़ स्पिनर यूनुस पठान के द्वारा राजस्थान को प्रभावित करने का कहा गया है मगर यह समाचार शायद मैच के हाफ से पहले ही लिख दिया गया था इसलिए कहीं भी राजस्थान के जीतने का कोई चर्चा नहीं किया है इसके बावजूद की उन्होंने आधे पेज का कवरेज़ पुरी घटना को दिया पहले पेज पर पार्थिव पटेल का फोटो लगाया है जो जो के पिचुमानी का है इसी तरह हिंदू एन अन्दर के पेज पर भी वाही काम किया है जी विश्वनाथ के समाचार में लंच ब्रेक के बाद के मचा का कोई जिक्र ही नहीं है यहाँ तक की स्कोर भी हाफ से पहले का ही है और यहाँ पर जो फोटो है वह भी ब्रेक से पहले की टीम चेंनेई की बेटिग का ही है वास्तव में किसी भी अख़बार के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है ।<br /><br /><p>हिन्दी के हिंदुस्तान की स्थिति भी हिंदू से ज्यादा ठीक नहीं थी यहाँ भी पहले पेज पर आई पी एक की सूचना देती हुयी एक फोटो संतोष हरहरे की है जिसमे मुम्बई के डी वाई पाटिल स्टेडियम में रविवार को आई पी एल के फायनल मैच से पहले कार्यक्रम पेश करती अभिनेत्री शमीता शेट्टी वाही इस अखबार ने कम से कम अन्दर के इंडियन प्रीमियर लीग टी ट्वेंटी नाम के पेज पर समाचार में भी राजस्थान की जीत का कहीं कोई जिक्र ही नहीं था इसमे भी पहली टीम की परी के आधार पर ही सारा मशाला डाला गया है राकेश थपलीयल के मुम्बई से लिखे समाचार में चीनी की बेटिग को ही केन्द्र मन गया ऐसा शायद इसलिए हुआ क्योंकि समाचार मैच के ख़त्म होने से पहले ही लिखा जा चुका था डेड लाइन के प्रेसर में किसी ने मैच के ख़त्म होने का इन्तजार नहीं किया । </p><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjiIoj10D2-gp-tvhnOancawOs1e5vHZVDLMDMpwUtgmDGOB0nYtJIro8IA9BbVVuKny7aR8c7e8Y-aFgd5CeGgpeX0WCQ58VaPeIaOIqd3Toa0R9Dv7HV_ZtuOhnkPmIvLCdbnueyvdAY/s1600-h/01.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5207707375665403122" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjiIoj10D2-gp-tvhnOancawOs1e5vHZVDLMDMpwUtgmDGOB0nYtJIro8IA9BbVVuKny7aR8c7e8Y-aFgd5CeGgpeX0WCQ58VaPeIaOIqd3Toa0R9Dv7HV_ZtuOhnkPmIvLCdbnueyvdAY/s320/01.jpg" border="0" /></a><br /><p>अब बात हिंदुस्तान टाइम्स ने भी जयपुर की जीत का कोई सीध संकेत नहीं दिया है लीड है जयपुर ट्रीयुम्फ़ आनंद वसु की एक बाय लाइन न्यूज़ है जो एक सॉफ्ट स्टोरी मात्र है इसके पेकेज में आई पी एल के अच्छे के साथ साथ कई क्षणों को याद किया गया है प्रीति जिनता के हंसने, चीयर लीडर्स के नाचने को बेड और श्रीसंत को झापड़ को अग्ली बताया गया है बस यूनुस खान के बेटिग के फोटो और दोनों टीमों के फायनल स्कोर के अलावा यहाँ पर जीत का कोई संकेत नहीं है फूल कवरेज़ बारह पेज पर था मगर यहाँ भी स्पष्ट कुछ नहीं था जो जीत को स्तःपीत करने वाला हो । </p><br /><p>नवभारत ने लीड रखी है रायल्स आइपीएल किंग साथ मैं एक फोटो भी लगाया है दैनिक जागरण ने पहले पेज का आधा पेज समर्पित किया है शीर्षक लिखा है 'रायल्स' रीयली किंग इस समाचार में मेन ऑफ़ मैच, मेन ऑफ़ सीरीस और फेयर प्ले के साथ साथ विजेताओं को मिलने वाली राशि का ब्योरा भी दिया गया है इसके अलावा एक खड़ी फोटो रील में पहले सहित की अदाएँ ,सलमान के ठूमके और देशी पहनावे में आई आई पी एल की कमामेंतेटर और पूर्व क्रिकेटर समेत सभी पलों को पाठक के सामने पेश करने का प्रयास किया है । </p><br /><p>भोपाल एक अन्य अखबार राज़ एक्सप्रेस लिखता है कि राजस्थान रायल्स को आइपीएल का ताज यहाँ भी श्सेश समाचार को खेल पेज पर लगाया गया है मगर फ़िर भी अच्छा खासा विवरण पहले पेज पर रखा है जहाँ राजस्थान की जीत की झलक दिखाई देती है इस मामले में भोपाल के ही समाचार पत्र ने अपने मध्य प्रदेश समेत अपने पड़ौसी राज्य राजस्थान में फैले अपने संस्करणों को इस जश्न में शामिल करने का मौका मिल गया है दैनिक भास्कर ने फर्स्ट लीड आईपीएल रायल्स ने रचा इतिहास रखी है इस पत्र ने अपने पहले पेज के सात कलम में एक फोटो मिक्स ग्राफिक्स का लुफ्त उठाया है यहीं मैच के अवार्ड्स और राजस्थान रायल्स की टीम के वाच को ओवर बाय ओवर बताया गया है । </p><br /><p>इसके आधार पर हम ये कह सकते है कि राजस्थान की जीत का मज़ा इंग्लिश के समाचार पत्रों की तुलना में हिन्दी के समाचार पत्रों ने काफी ज्यादा उठाया है जैसे भोपाल हिदी अखबारों ने किया इसके पीछे का कारण है कि इंग्लिश के समाचार पत्र वास्तव में हिन्दी के समाचार पत्रों की तुलना में ज्यादा व्यापक क्षेत्र पर फैले हुए होते है उनकी डेड लाइन ज्यादा जल्दी होती जबकि अगर समाचार ज्यादा रिलेवेंट है तो हिन्दी के अखबर अपने पत्र को लेट भले कर लेंगे मगर आइपीएल जैसी महत्वपूर्ण न्यूज़ को मिस करना नागवारा समझा । </p>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-46493588425326787862008-05-31T07:27:00.000-07:002008-05-31T10:55:16.930-07:00थर्टी मिनिट पिज्जा स्टाइल में, मिल सकता है न्यूज़ पेपर<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZyig0hd-ILIY4LcMQDXMMXCbfsRdmpfKY_R0Nvk9wKo5PwvEJCPZNe38udKQwVedy2EBj7K2X1agSL_HqYD_Nje8G9JVAvMNHUOAVlOzxdluJZ3hdzquypm_soY8Ig7ks73HJynZ_GYY/s1600-h/thity+minit+stail+paper.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5206601049353241250" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZyig0hd-ILIY4LcMQDXMMXCbfsRdmpfKY_R0Nvk9wKo5PwvEJCPZNe38udKQwVedy2EBj7K2X1agSL_HqYD_Nje8G9JVAvMNHUOAVlOzxdluJZ3hdzquypm_soY8Ig7ks73HJynZ_GYY/s320/thity+minit+stail+paper.jpg" border="0" /></a><br /><div>भोपाल<br />भोपाल शहर का मौसम इन दिनों काफी तेज बना हुआ है एक तरफ़ जहाँ भौतिक रूप कि बात करें तो नवतपामें जम कर धुप पड़ रही है तो कभी बरसात से मौसम में शीतलता धुल रही है। जिस तरह से यहाँ पर प्रकृति को समझना आम आदमी के लिए दूभर है उतना ही मुश्किल है आम नागरिक के लिए दूसरी तरफ़ मीडिया महकमें में होने वाली हलचलें भी।<br />जैसे पल पल में मौसम बदला जाता है उसी प्रकार मीडिया के मौसम का भी कुछ नहीं कहा जा सकता है यहाँ भी असंभावनाये लगभग उतनी है। यहाँ का मौसम कभी भी बदल सकता है यहाँ का मिजाज़ भी कभी भी पलट सकता है।<br />इस क्षेत्र में नए प्रतिद्वन्धियों के आने से पाठकों को मनाने के नए नए तरीके इजाद किए जा रहे है। मान-मनुहार उपहार और गिफ्ट हेम्पर पता नहीं क्या-क्या किया जाने लगा है। नये ग्राहक बनने के साथ-साथ पुरानो को बांधे रखने के लिए कई महत्वकांक्षी परियोंजनाओ पर विकास कार्य द्रुत गति से जारी है। कभी अपने पाठकों को वार- त्यौहार पूछने वाले भी लग गए है पाठकों को मनाने में। यहाँ हम सभी लोगों को समझ लेने चाहिए जो झूठ मूठ में अक्सर हर घटिया और बिकाऊ और किफायती फायदेमंद समाचार के लिए इस तकिया कलाम का बखूबी प्रयोग करते है कि हम तो वाही छाप रहे है जो पाठक पढता है क्योकि कोई अखबर पाठक उसी कीमत पर छोड़ता है जब उसे अपने पसंद का समाचार नहीं मिलता है और उसे समझौता करना पड़ता है अगर मानाकि कोई पाठक जग जाए तो ये वह मौका है जब अखबार की नब्ज लिखने वाले के पास नहीं बल्कि उसके पाठक के हाथ में होती है। यह दशा अर्थशास्त्र के उस सिद्धांत को बताता है कि वर्तमान हालत में <strong>उपभोक्ता बिना मुकुट का बादशाह</strong> होता है।<br />अभी यहाँ पाठक बादशाह है उसका एक निर्णय आपकी इज्जत, आपकी नाक यानि आपके सर्कुलेसन को जमीन पर ला सकता है। इसके लिए इन दिनों भोपाल में भी इस तरह के प्रयत्न चल रहे है । खासकर प्रसार को लेकर ।<br />पत्रिका का कहना है कि अखबार की प्रति प्राप्त करने के लिए अपने हाकर से सम्पर्क करें अगर प्रति प्राप्त नही होती है तो डायल करें ............... ।<br /><br /><p><span class="">कुछ</span> इसी ले में राज एक्सप्रेस अन्दर के पृष्ट पर विज्ञापन लगता है जिसमे वह पाठकों को संबोधित करता है सुधि पाठकों से अनुरोध है कि राज एक्सप्रेस कि प्रति प्राप्त करने में अगर आपको असुविधा हो या इसके स्थान पर कोई अन्य अखबार दिया जा रहा हो तो नीचे लिखे नंबरों पर सम्पर्क कि कृपा करें। इसके अतिरिक्त आपके सुझाव भी आमंत्रित है और इसके बाद, शहर के इक्कीस स्थानों पर के वितरकों के नंबर दिए गए है यह विज्ञापन प्रसार विभाग का है। </p><br /><p>इस दौड़ में दुसरे खिलाड़ी भी जरा से भी पीछे नहीं है सभी इस तरह के निवेदन, आमंत्रण और विज्ञापन छपते है और अपनी प्रेमिका को मनाने के लिए जैसे यत्न होते है करते है। कुछ इसी तरह शहर का एक अन्य दैनिक जागारण का फ्रंट पेज का विज्ञापन है कि दैनिक जागरण के पाठक बनने के लिए एवं प्रति प्राप्त न होने पर इस नंबर पर सम्पर्क करें _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _। </p><br /><p>वाह भाई वाह क्या पूछ परख हो रही है उसी 'मास ' की जिसे विकेन्द्रित और बिखरा मन लिया जाता है और मेसेज बनने वाले बोले तो सोर्स उसे 'पाठकानुरूप ' होने का दावा करते है। यहाँ हाल बिल्कुल वैसा ही होता है जैसा चुनाव के टाइम पर मतदाता का होता है मतदाता को भी तभी अपनी शक्ति का अहसास तभी होता है। वहां उसे जैसे मनाने के जतन होते है वैसे ही जतन किसी भी मीडिया की लांचिंग या प्रतियोगिता में होता है। हालांकि चुनावों में भी सारे नतीजे सही नहीं आते है, यहाँ भी ज्यादा कुछ होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। </p><br /><p>फ़िर भी उम्मीद है की कोई अखबार अगर इससे भी तेज़ हुआ तो प्रिंटिंग के आधे घंटे में आपको थर्टी मिनिट में पेपर दे सकता है । </p><br /><p></p></div>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-73492387057923638932008-05-29T16:17:00.000-07:002008-05-29T16:46:57.341-07:00माय एफ़एम भोपाल हुआ एक साल का दिल से<em><strong>दिन हो रात है मेरा प्यार.......... । </strong></em><br />नाइंटी फॉर पाइंट थ्री माय एफएम दिल से ने भोपाल शहर में एक साल सत्ताईस मई को पुरा कर लिया है। भोपाल में म्यूजिक और मस्ती भरे पहले साल का जश्नलोगों ने अपने फेवरेट एफ एम स्टेसन के साथ ही मनाया। <br />इस अवसर पर दैनिक भास्कर में जहाँ एक और दिन भर रेडियो पर कई विशेष प्रोग्रामों का प्रसारण किया गया वहीं दूसरी तरफ़ शहर के कई लोगो को इस जश्न के माहौल में शामिल होने के लिए इकठ्ठा किया गया। इसी सिलसिले में भास्कर के मंगलवार के अंक में सिटी भास्कर के आखिरी पेज पर एक होम एड लगा था जिसमे एक बच्चा कह रहा था<br /><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjU-unEVDNWZ7IALdb8JiGfMEU0Ik7B3Sty62zri6VHxK1laWl6ygQQHCxnKaTNWsHcBURUBi83ms0pCP17v1AcYFcVZoumkJvlKtnd5f_UL2X1SfbDSi0pTIHh5vtI2roSR0-z7QXwm34/s1600-h/toppanel_yootheme.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5205950211484041826" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjU-unEVDNWZ7IALdb8JiGfMEU0Ik7B3Sty62zri6VHxK1laWl6ygQQHCxnKaTNWsHcBURUBi83ms0pCP17v1AcYFcVZoumkJvlKtnd5f_UL2X1SfbDSi0pTIHh5vtI2roSR0-z7QXwm34/s320/toppanel_yootheme.jpg" border="0" /></a><br /><div><span style="font-family:Times New Roman;"><span class=""></span></span> </div><div><span style="font-family:Times New Roman;"><span class=""></span> <span style="color:#663300;"><span style="font-size:130%;"><strong>धन्यवाद भोपाल !</strong></span></span> </span><br /><span style="font-family:Times New Roman;"><strong><span style="color:#3366ff;">आपने मुझे दिल में बसाया पहले ही साल ।</span></strong> </span><br /><span style="font-family:Times New Roman;"><span style="color:#ffcc00;"><em><strong>मनाइए जन्म दिन हमारे साथ और जीतिये ढेर सारे उपहार ।</strong></em></span> </span></div>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-16285833747520627222008-05-29T16:05:00.000-07:002008-05-29T16:17:44.398-07:00जल्द आ रहा है बिजनेस भास्करभोपाल<br />जी हाँ अभी हमारे शहर में आने वाले नए समाचार पत्रों का दौर रुकने का नाम ही नही ले रहा है पहले नवदुनिया के लांच होने के बाद पत्रिका और डीबी भास्कर। अब इसी क्रम में एक और कड़ी जोड़ते हुए दैनिक भास्कर जल्द ही भोपाल में अपना बिजनेस समाचार पत्र शुरू करने की सम्भावना है। इस सन्दर्भ के होर्डिंग शहर के विभिन्न चौराहों पर सजने लग गए है।<br />एक होर्डिंग कुछ इस प्रकार था जल्द आ रहा है बिजनेस का एकमात्र सम्पूर्ण हिन्दी अखबार । उस होर्डिंग का पांच लाइन थी<br /><em><strong><span style="color:#9999ff;">देश में बढ़ रहे है प्राइवेट जेट</span></strong></em><br /><span class=""></span><em><strong><span style="color:#9999ff;"> अब आपकी </span></strong></em><span class=""><em><strong><span style="color:#9999ff;">बारी</span></strong></em> </span><br /><span style="font-size:180%;"><strong><span style="color:#cc33cc;">बिजनेस भास्कर</span></strong></span><br /><span class=""></span><em><span style="color:#66ff99;"> नोलेज फार ग्रोथ</span></em>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-2721693439988195332008-05-29T15:44:00.000-07:002008-05-31T10:35:53.106-07:00भास्कर का स्पोर्ट पेज पर नया प्रयोगदैनिक भास्कर समाचार पत्र अपने नित नये प्रयोगों की वजह से जाना जाता रहा है और उन्ही प्रयोगों से उसने मीडिया में नए ट्रेंड बनाये है फ़िर वह मध्य प्रदेश हो या फ़िर राजस्थान अथवा गुजरात हर जगह नयापन ला दिया है।<br />अब पत्रिका के भोपाल से आरंभ होने के साथ ही भास्कर ने अपनी भास्कर लैब के नए नए प्रयोग करने आरंभ कर दिए है पहले अपने समाचार पत्र के सारे पेज कलर करने के बाद संडे भास्कर का कंटेंट और ले आउट बदलने के बाद अब भास्कर ने अपने स्पोर्ट्स पेज का खाका ही बदल दिया है। पहले जहाँ भास्कर में स्पोर्ट्स को कभी एक कभी डेढ़ पेज मिलता था जिसे अब बढ़ा कर दो पेज कर दिया गया है , साथ ही दोनों पेजों के बीच में मेग्जिन स्टाइल में फोटो लगना शुरू किया है। जो वाकई अपने आप में एक नवाचार ही कम से कम भोपाल के प्रिंट मीडिया हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में।<br />भास्कर के सभी पेज रंगीन होने से पृष्ठ संख्या चौदह और पन्द्रह पर बीच में नीचे से दो कलम छोड़ कर इसे रखा जाता है। छब्बीस मई को बीजिंग के स्टेडियम में हुयी महिला दौड़ , सत्ताईस को फ्रंच ओपन टेनिस के पहले दौर में रिटर्न लगते हुए रोजत फेडरर तो अठाइस मई को यूरो कप की तेयारी करते हुए का फोटो लगाया गया है।<br />हालांकि अपने आप में ये अनूठा प्रयोग है लेकिन इसमे कभी कभी पाठकों को दिक्कत का सामना भी करना पड़ता है जब अखबार सही से मुड़ता नहीं है। फ़िर भी ले आउट के नजरिये से देखे तो नए दौर की शुरुवात का संकेत है।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-45255337621129191392008-05-29T15:36:00.000-07:002008-05-29T15:43:56.509-07:00तीन टीवी चैनलों को मिली गलती की सजादिल्ली में दुष्कर्म से पीड़ित एक युवती अविभावकों की पहचान सार्वजनिक करने पर इंडिया टीवी, सहारा समय और आई बी एन के खिलाफ एफआई आर दर्ज की गई है। इन चेनलों पर ipc के सेक्सन दो सौ अट्ठाईस में मामला दर्ज किया गया है इसके कारन उनको सजा के स्वरूप दो साल की सजा और जुर्माना अथवा दोनों हो सकते है ।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-21947718217498713342008-05-29T13:02:00.000-07:002008-05-31T10:34:42.764-07:00डीबी स्टार आरंभ<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiHoRkDsuoYunhsuAr_zu5BEM4ifvA8kAbDTYVipaCJ1Y-3xIcEM6661DvOANthwEXlKXlegdFLiV3quoQFFVzzThg1nT99bsAZzeLrs23SPupmCSsmF0Covqx-6cMJ7_oqo8qVJ43t0Pc/s1600-h/dibi+bhaskar+3.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5206594860305367666" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiHoRkDsuoYunhsuAr_zu5BEM4ifvA8kAbDTYVipaCJ1Y-3xIcEM6661DvOANthwEXlKXlegdFLiV3quoQFFVzzThg1nT99bsAZzeLrs23SPupmCSsmF0Covqx-6cMJ7_oqo8qVJ43t0Pc/s400/dibi+bhaskar+3.jpg" border="0" /></a><br /><div>भोपाल<br />भोपाल शहर के पाठको को नई सौगात देता हुए दैनिक भास्कर ने राजस्थान पत्रिका के आरंभ होने के अगले ही दिन से अपने टेबलायड डीबी स्टार को छब्बीस मई को आरंभ<span class=""> किया। यह </span>सोलह पृष्ठीय सम्पुर्ण रंगीन समाचार पत्र आयिनेक्सट के समान है , और ये भास्कर समूह का दैनिक भास्कर,दिव्य भास्कर, डीएनए के बाद चौथा समाचार पत्र है जो फिलहाल भोपाल से शुरू किया गया है । यह समाचार पत्र भोपाल में दैनिक भास्कर के पूर्व पाठकों को मुफ्त में मिलेगा। सोमवार से शनिवार तक ये समाचार पत्र रोजाना अपने सोलह पृष्ठों में करीयर,रोजगार, स्पोर्ट्स, लाइफ स्टाइल , व्यंग्य और बॉलीवुड समाचारों के साथ-साथ भविष्यफल भी प्रकाशित कर रहा है। इसके सोलह पेजों मे से चार पृष्ठ अंग्रेजी में छपेंगे। अपने संबोधन में भास्कर संपादक ने आशा व्यक्त की है किभास्कर के पाठक भास्कर कि इस प्रस्तुति का स्वागत करेंगे।</div>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-82178546679275445232008-05-29T12:11:00.000-07:002008-05-29T13:01:55.380-07:00आई पी एल ने इजाद किया एड्वरटाईजिंग का नया स्टाइल<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgOATfAv31EpWc2mtpvXAMoQZpdkR4uliets2K9CAkIxiQxcBe0br20z8x_aaheFby776bj_IJyrQK76pZupZXjdL_xEzqWofutn4a9nLXxgcNOdAauK8RQoDX4ddTrXla-nTDf3uDxGn4/s1600-h/tv+tamasha.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5205891726914372162" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgOATfAv31EpWc2mtpvXAMoQZpdkR4uliets2K9CAkIxiQxcBe0br20z8x_aaheFby776bj_IJyrQK76pZupZXjdL_xEzqWofutn4a9nLXxgcNOdAauK8RQoDX4ddTrXla-nTDf3uDxGn4/s400/tv+tamasha.jpg" border="0" /></a> <br /><div>कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार कि जननी है। जनाब बिल्कुल बराबर कहा है इसमे कोई दोराय नहीं है। आई पी एल ने भी विज्ञापन के मामले में कुछ ऐसा ही किया है।<br />इस सीरिज से पहले तक क्रिकेट के मैच के दौरान स्क्रीन पर सिवाय ऊपर नीचे के कहीं भी कोई स्क्रोल या स्ट्रीप विज्ञापन नहीं दिखता था मगर इस सीरिज ने जो नया कर दिखाया वह यह है कि अब ओरिजनल व्यू को पिचहत्तर प्रतिशत तक रेडयुसकर के राइट टॉप कोर्नर में फोकस कर दिया जाता है और इससे मिलने वाली जगह को विभिन्न उत्पादों के विज्ञापन के लिए काम में ले लिया जाता है। यह सब मुख्यत उस वक्त किया जाता है किसी स्पेशल पॉइंट को फोकस नही करना होता है। फ़िर भी कई बार इसे हालत हो जाते है कि खिलाड़ियों के चेहरे या फ़िर स्कोर इन्पोस ही छुप जाते है। यहाँ अधिकतर कोल्ड ड्रिंक और फास्ट फ़ूड के होते है। कुछ ऐसे ही उदाहरण प्रस्तुत है।</div>shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-20191425202480464792008-05-25T11:22:00.000-07:002008-05-25T12:22:25.069-07:00भोपाल में पत्रिका पहली नजरभोपाल<br />कल रातको जब में अपने आशियाने को लौट रहा था तभी रस्ते में मुझे कुछ नयापन सा लगा।<br /><span class="">मन किया कि जरा अपने दोस्त से कहूँ गाड़ी रोको और में इनसे पता कर लू आख़िर क्या हो रहा है ?</span><br /><span class=""><span class=""></span></span><span class="">मेरे लिए भोपाल में केन्द्र का स्थान बन चुका बोर्ड ऑफिस चोराहा भी सजाया जा रहा था। </span>मैं ये सब सोच ही रहा था की मेरे दोस्त ने बाइक रोक दी मेरे मन का चाहा हो गया। मगर इतना सहसा नही कर पाया कि वापस पीछे जाकर वहां काम करने वालों से कुछ पूंछ पाता ।<br /><span class=""></span>खेर मन मैं कहीं ये अंदाज तो था ही कि अगर ये मीडिया से जुड़े लोग कर रहे है तो शायद पत्रिका वाले ही कर रहे होंगे क्योकि हो सकता है। अगले दिनों में पत्रिका निकलेगा या फ़िर कोई बता रहा था कि भास्कर का संस्करण स्थापना दिवस आने वाला है उसकी तेयारी भी हो सकती थी, मन जानने को बेताब था मगर आलस्य सबसे बड़ी बीमारी होती है कुछ नही किया जा सका सब को कल पर दल दिया गया कि कल देखेंगे जो भी होगा। अभी तो घर चलो जो बात करो रात को खाना खाने के बाद के नींद आ गई तो सवेरे ही कुछ पाता चला. सवेरे हमारे यहाँ जो होकर आता है वो जनता था कि में राजस्थान से हूँ उसने हमारे रोजाना के पेपर के साथ पत्रिका भी डाल दिया क्योकि उसे शायद ये उम्मीद थी कि मैं तो उसका पक्का ग्राहक होऊंगा. जागते ही मेरे साथियों से पता चला कि पत्रिका भी आया है . जिज्ञासा से पेपर लेकर देखा कि क्या है जरा मैं भी तो देख लूँ सबसे पहले कि पंक्तियों के शुरुआत के दो चार शब्दों कों पढ़कर आगे पढने कि जरूरत ही नही पड़ी क्योकि बचपन से उसे ही तो पढ़ते आए है पंक्तियाँ वाल्तेयर कि थी हो सकता है मैं आपके विचारों से सहमत न हो पाऊ फ़िर भी विचार प्रकट करने के आपके अधिकारों कि रक्षा करूँगा -वाल्तेयर आगे लिखा था पत्रिका-य एषु सुप्तेशु जागर्ति . कुछ नहीं बदला बस यहाँ आकर राजस्थान का साथ छुट गया है पहले आवरण पर लिखा था सुप्रभात भोपाल धन्य हुए हम यहाँ आकर शीर्षक से पत्रिका के प्रतिनिधि के तौर पर शहर और प्रदेश कों एक संदेश था एक संबोधन था जिसके अंत मैं लिखा था जहाँ भी जायेंगे ,रौशनी लुटायेंगे किसी चराग का अपना मकां नही होता . ये तो थी पत्रिका कि बात मगर इसमे कुछ कुछ मेरे जैसा ही है मुझे लगा कि जैसे पत्रिका अपने कों भोपाल में आकर धन्य मन रहा है मैं भी इस शहर मैं आकर धन्य हो गया हूँ जीवन में पहली बार किसी अखबारों का इस तरह का माहौल देख रहा हूँ अगर किसी दुसरे शहर में होता तो ये सभी कभी नहीं देखा पता और नही इससे कुछ सीख पाता तो बस इस शहर से यही कहना है कि इसने क=मुझे बहुत कुछ सिखने कों दिया और नया नया मौका देता ही जा रहा है कि मैं सीखता चला जाऊ . बस इसी कारण से तो ये शहर अब अपना-सा ही लगने लगा है .shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-21392078728117386652008-05-25T10:29:00.000-07:002008-05-25T12:16:28.296-07:00ओ आने वाले, जरा होशियार यहाँ के हम है ......भोपाल<br />देश के दस राज्यों में अपने चालीस संस्करणों के जरिये दैनिक भास्कर का पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ा व्यापक और महत्वपूर्ण योगदान है। आज एक तरह से देखें तो भोपाल की तरह कई शहर है जहाँ लोगों को रत को नींद माय एफ एमके संगीत के शत आती है और सवेरे उनकी नींद भी इसी से टूटती है। दिन की शुरुआत दैनिक भास्कर या दिव्या भास्कर जैसे किसी समाचार पत्र से होती है। उनके साथ हर कदम पर भास्कर का दीदार होता है।<br />जब बात मध्य प्रदेश की हो तो ये इस समूह का अपना मूल प्रदेश है उसी प्रकार भोपाल इसका गृह स्थल।<br /><span class="">भोपाल शहर के बदलते मीडिया हालातों में इस संस्थान ने भी अपने पत्र में कही बदलाव किए है जिनमे फ़िर छे वह शाहरूख खान को अथिथि संपादक बनाना हो, सारे पेजों को कलर बना कर मध्य भारत का पहला सम्पूर्ण रंगीन अखबार होने का दावा करना हो अथवा सन्डे भास्कर का पुरा ले आउट बदलना हो या कंटेंट को सॉफ्ट स्टोरी के रूप में पेश करने का नया अंदाज हो, ये सबकुछ भोपाल के मीडिया जगत की सरगर्मियों के मद्देनजर ही किया जा रहा है</span>।<br /><span class="">नए बदलावों और प्रयोगों के लिया जानाजाने वाला यह समाचार पत्र इस रविवार को भी नए स्टाइल के अन्दर दिखाई दिया। आज पहले पन्ने पर हार्ड स्टोरी के नाम पर महज गुर्जर आन्दोलन में मरे बीस लोगों की सिंगल कालमन्यूज़ है। पहली ख़बर के स्थान पर मिसाइल वुमन के नाम से जानीजाने वाली टाईसी थामस का त्रिभुवन का ख़ास मुलाकात नामसे इंटरव्यू है। पहले पेज पर ही अतिथि संपादक राजदीप सरदेसाई का विशेष सम्पादकीय है हेडिंग है पुनर्जीवित करना होगा लोगों का विश्वास। साथ ही इस पेज पर एक खुशखबरी है भोपाल के लोगों के लिए भास्कर के नए समाचार पत्र के बारे में। </span><br /><span class="">इसी पेज पर एक और अतिथि संपादक की पसंद का आर्टिकल है योजना आयोग के फ़ूड विशेषज्ञ अभिजीत सेन का बी इन्वेंसन के साथ संजय मिश्र की .......तो सत्तर लाख लोगों को मिल जाती रोटी एक संदेश प्रधान स्टोरी है। स्टीमर की मांग के अनुरूप मानवता का संदेश देती हुयी न्यूज़ है जयपुर से। मदन के जयपुर से बताते है हिंदू म के आँचल में दर्द भुला रही है अरीना। ये इसी प्रस्तुति है जो आतंकियों के इरादों के घिनोनेपन और मानवता के महत्व को स्थापित करती है। </span><br />अगर हम ले आउट के आधार पर देखे तो भास्कर ने इस मामले में भी काफी नवाचार प्रयोग किया है। पेज को ऊपर तक भरने के साथ हर पेज पर समाचारों को कोर्नर से काटा है सामान्यता सभी पेजेस का आरंभ स्क्रीन के साथ हो रहा है और सबसे ज्यादा बदलाव स्पोर्ट्स पेज पर किया गया है चोतिस पेज के इस अख़बार में स्पोर्ट्स का बारह तेरह पेज एक बड़ा फोटो बीच में छपता है आज टेनिस कोर्ट का फोटो छापा है।<br />इस तरह के तमाम बदलाव इस शहर की पत्रकारिता के बदलावों को इन्गीत करता है। भास्कर समाचार पत्र प्रयोगिकता की वजह से काफी जाना जाता है चाहे अभी काफी हलचल हो रही ही किसी के लिए भास्कर के समक्ष चुनौती दे पाना मुश्किल है फ़िर भी किसी ने ऐसा कर दिया तो यह भी एक नई मीडिया सक्सेस स्टोरी होगी जो अपने आप में अनोखी होगी।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-5741914072610820152008-05-25T10:15:00.000-07:002008-05-25T10:28:52.781-07:00पत्रिका आपके हाथ मेंभोपाल<br />मध्य प्रदेश के ह्रदय स्थल और प्रदेश की राजधानी के निवासियों को अब राजस्थान पत्रिका शीघ्र ही पढने को मिलने की उम्मीद थी मगर किसी ने ये उम्मीद भी नही थी की इस तरह सुबह सवेरे बिना किसी धूम धडके के पत्रिका उनके दरवाजे पर दस्तक दे देगा।<br />आज का दिन भोपाल की पत्रकारिता में एक नया इतिहास जोड़ने वाला है आज जहाँ एक ओर पत्रिका का इस प्रदेश के विकास सुख दुःख में जनता का भागीदार बनने का वादा किया गया है वहीं इसी नगर की माटीसे निकल कर सम्पूर्ण देश में पत्रकारिता का बिगुल बजा कर अलख जगाने वाला दैनिक भास्कर भी जनता को नई सौगात देने के लिए तैयार हुआ है अब इस शहर में भास्कर का नया अखबार सोलह पेजों का डीबी स्टार पढने को मिलेगा। बात चाहे कुछ भी हो चाहे चट हो या पट अप्रत्यक्ष रूप से इसका कुछ फायदा पाठकों को भी मिलेगा।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7354593179554127426.post-35579320222523058192008-05-20T07:01:00.000-07:002008-05-20T07:25:05.521-07:00सभी रंग एक हैभोपाल<br />शहर का एक प्रमुख अख़बार राज एक्सप्रेस जो कई पाठकों की पसंद बना हुआ है। जो अपने कहने के तरीके की वजह से भी जाना जाता है इन दिनों मुझे शहर के एक बड़े चौराहे पर उसका बड़ा सा होर्डिंग देखने को मिला जो शायद लगा तो काफी पहले था मगर शायद अब किसी ने उस इलाके से पेड़ पौधे कट दिए तो पुरा नजर आने लगा है यानि किअब उसे भी शायद आड़ से रहना नागवारा गुजर रहा है।<br />होर्डिंग की लाइने भी बड़ी इन्टर्रेस्टेड थी राज एक्सप्रेस रंग एक मध्यम अनेक, सच कहने का साहस और सलीका। भाई अपने को तो ये आइडिया सॉलिड लगा। आपका क्या खयाल है। रंग बदलती दुनिया में कब कौन रंग बदल दें फ़िर भी जरा सब्र करने की जरुरत है आगे आगे देखिये होता है क्या?<br />मेरे कहने का मतलब साफ है कि राजस्थान पत्रिका के भोपाल में आने कि आहात से भास्कर ने तो ब्लेक एंड व्हाइट रंगों से पीछा छुड़ाते हुए अपने सभी पेजेस को रंगीन कर दिया है अब राज एक्सप्रेस कोनसा रंग अख्तियार करता है देखने वाला होगा।<br />सो डियर किसी ने कहा भी है वेइट एंड वॉच ................... ।shivametahttp://www.blogger.com/profile/07815074282236821185noreply@blogger.com0